अवैध कोयला लदे बॉलरों में लोगों ने लगाई आग, तेतुलमारी थाना के सामने से आसानी से कैसे गुजरती है अवैध गाड़ियां।

तेतुलमारी/कतरास : शक्ति चौक के समीप मंगलवार को रात हुए सड़क हादसे ने एक बार फिर तेतुलमारी पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अवैध कोयला लदी बोलेरो और सोमू वाहन की टक्कर के बाद स्थानीय लोगों ने वाहन में आग लगा दी, लेकिन असली चिंता इस बात की है कि अवैध कोयले से लदे वाहन आखिर इतनी आसानी से थाने के सामने से गुजर कैसे रहे हैं? स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में अवैध कोयले की ढुलाई कोई नई बात नहीं है। प्रतिदिन दर्जनों छोटे-बड़े वाहन कोयला लेकर निकलते हैं, और इनमें से अधिकांश बिना वैध कागजात के चलते हैं। पुलिस इन पर न तो रोक लगाती है और न ही कोई कार्रवाई। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है—क्या तेतुलमारी पुलिस सुस्त है, या फिर इस अवैध धंधे की मलाई खा रही है? हादसे के बाद स्थानीय लोगों का आक्रोश खुलकर सामने आया। उनका कहना है कि अगर समय रहते पुलिस कार्रवाई करती, तो न तो यह टक्कर होती और न ही वाहन जलता। लोग अब प्रशासन से जवाब चाहते हैं—क्या पुलिस की चुप्पी महज लापरवाही है या इसके पीछे कोई साठगांठ? यह घटना केवल एक सड़क हादसा नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था की उस चादर को उघाड़ती है जिसके नीचे अवैध कारोबार फल-फूल रहा है और आम जनता त्रस्त है।

थाने के सामने से गुजर रहीं अवैध गाड़ियां, इंस्पेक्टर दे रहे हैं ‘गाड़ी धीरे चलाने’ की सलाह

कोयला लदी बोलेरो और सोमू वाहन की टक्कर में भले ही जान का नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इस घटना ने तेतुलमारी पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर गहरे सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। हैरानी की बात यह है कि यह हादसा थाना से चंद कदमों की दूरी पर हुआ, जहाँ से प्रतिदिन दर्जनों अवैध कोयला लदी गाड़ियाँ बेरोकटोक गुजरती हैं। फिर भी पुलिस की ओर से कोई रोक-टोक नहीं की जाती।घटना के बाद जब मीडिया ने इंस्पेक्टर से सवाल किया, तो उनका जवाब था कि “यह हादसा तेज रफ्तार और लापरवाही की वजह से हुआ। सभी वाहन चालकों को चाहिए कि धीरे और सावधानी से चलें। ”उनसे जब अवैध कोयला ढुलाई और कार्रवाई की बात पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि “मामले में प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। ”स्थानीय लोगों में पुलिस की इस प्रतिक्रिया को लेकर गहरा असंतोष है।

यदि तेतुलमारी थाना प्रभारी और उनकी टीम अवैध ढुलाई पर निगरानी रखती, तो ऐसी घटनाएं टाली जा सकती थीं। मगर अब भी पुलिस की प्राथमिकता हादसे को सामान्य बताकर खानापूर्ति करना ही दिख रही है। प्रश्न यह उठता है कि जब थाने के सामने से ही अवैध गाड़ियाँ गुजरती हैं, तो क्या यह सब पुलिस की जानकारी में नहीं होता? और अगर होता है, तो कार्रवाई क्यों नहीं होती?

खबर आगे जारी….

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