
धनबाद स्टेशन रोड स्थित राँगाटॉड रेलवे कॉलोनी आने जाने वाली सड़क को रेल प्रशासन द्वारा बंद किए जाने का कॉलोनी की महिलाओं ने विरोध किया। विरोध जता रही महिलाओं में कई रेल कर्मी तो कई रेल कर्मियों की पत्नी है। महिलाओं का कहना है कि सालों से इस रास्ते से वे आना जाना करते आ रही है।उनके कॉलोनी से चंद दुरी पर ही रेलवे स्टेशन भी है जहाँ ड्यूटी जाने के लिये यह रास्ता काफ़ी सुलभ है।महिलाओं का कहना है कि विकल्प के तौर पर एक दूसरा रास्ता दिया गया है जोकि महिलाओ के लिये सुरक्षित नहीं है।शाम ढलते ही वह रास्ता नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है।रास्ते में लाईट भी पर्याप्त नहीं जलता है। इधर कॉलोनी की महिलाओ के भारी विरोध के बाद रास्ते को बंद करने के कार्य पर रोक लगा दी गई है।साथ ही गड्ढे की भराई कर पुनः रास्ता बहाल कर दिया गया।
रेल प्रशासन ने इस रास्ते को बंद करने का निर्णय लेने से पहले क्या कॉलोनी की महिलाओं से पर्याप्त चर्चा की थी? यह सही है कि सुरक्षा के लिए उपाय किए जाने चाहिए, लेकिन यह भी ज़रूरी है कि जिन लोगों के जीवन पर इसका असर पड़ेगा, उनकी बात सुनी जाए। महिलाओं की चिंता समझनी चाहिए, क्योंकि उन्हें लंबे समय से इस रास्ते का इस्तेमाल करने की आदत है। अगर वैकल्पिक रास्ता असुरक्षित है, तो उसे सुधारने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं? यह बताएं कि रास्ते को फिर से खोलने के बाद क्या अब सुरक्षा के लिए कोई नए उपाय किए जाएंगे? क्या कोयला तस्करी को रोकने के लिए प्रशासन ने कोई ठोस योजना बनाई है? यदि हां, तो उसके बारे में और जानकारी दीजिए।